Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 6 Swadhyay (ધોરણ 8 હિન્દી અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય)

Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 6 Swadhyay
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Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 6 Swadhyay. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 2 એકમ 6 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય. ધોરણ 8 હિન્દી અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.

कक्षा : 8

विषय : हिन्दी

एकम : 6. तूफ़ानों की ओर

सत्र : द्वितीय

अभ्यास

प्रश्न 1. शुद्ध उच्चारण कीजिए :

तूफान, सिंधु, यौवन, ह्रदय, अंधड़, मिट्टी, स्पंदन

प्रश्न 2. ‘तूफ़ानों की और……’ इस कविता का समूहगान कीजिए ।

प्रश्न 3. प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :

(1) ‘तूफानों की ओर घुमा दो, नाविक निज पतवार’ ऐसा कवि ने क्यों कहा है?

उत्तर : तूफान कठिनाइयों का प्रतीक है। कठिनाइयों से घबराकर भागना कायरता है। कठिनाइयों का डटकर सामना करने में ही बहादुरी है। जीवन में आनेवाली कठिनाइयाँ मनुष्य को बहुत कुछ सिखा देती हैं। उनसे हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इसलिए कवि ने नाविक से कहा है कि तुम अपनी नाव तूफानों की ओर घुमा दो।

(2) सागर भी तो यह पहचाने’ में क्या पहचानने की बात कही गई है?

उत्तर : ‘सागर भी तो यह पहचाने’ इस वाक्य में मनुष्य के साहस और शक्ति की बात कही गई है। कवि कहना चाहता है कि ऐसी कोई कठिनाई नहीं है जिसका हल मनुष्य के पास न हो।

(3) समस्या आने पर हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर : समस्या आने पर हमें भयभीत नहीं होना चाहिए। शांति और धीरज से समस्या का उचित उपाय खोजना चाहिए।

(4)’इस अंधड़ में साहस तोलो’ का क्या अर्थ है?

उत्तर : ‘इस अंधड़ में साहस तोलो’ का अर्थ है कि यह तुम्हारे साहस की परीक्षा का समय है। ऐसे कठिन समय में ही मनुष्य को अपने आपको परखने का मौका मिलता है।

प्रश्न 4. कविता को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

किताबें कुछ कहना चाहती हैं

किताबों में चिड़ियाँ चहचहाती हैं।

किताबों में खेतियाँ लहलहाती हैं।

किताबों में झरने गुनगुनाते हैं।

परियों के किस्से सुनाती हैं।

किताबों में रॉकेट का राज़ है।

किताबों में साइंस की आवाज़ है।

किताबों का कितना बड़ा संसार है!

किताबों में ज्ञान की भरमार है।

क्या तुम इस संसार में

नहीं जाना चाहोगे?

किताबें कुछ कहना चाहती हैं ।

तुम्हारे पास रहना चाहती हैं।

(1) प्रश्न के उचित विकल्प पर ✓ का निशान लगाइए :

(क) किताबों में कौन चहचहाता है?

(A) तोता

(B) मोर

(C) चिड़ियाँ

उत्तर : (C) चिड़ियाँ

(ख) किताबें किसके किस्से सुनाती हैं?

(A) राजा

(B) परियाँ

(C) किसान

उत्तर : (B) परियाँ

(ग) किताबों में किसके लहलहाने की बात है?

(A) खेतियाँ

(B) झरने

(C) बाग

उत्तर : (A) खेतियाँ

(2) नीचे दिए हुए शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) परियाँ

उत्तर : परियाँ स्वर्ग में रहती हैं।

(2) किस्सा

उत्तर : राम ने मुझे एक किस्सा सुनाया।

(3) संसार

उत्तर : उद्यम से आपके संसार में चार चाँद लग जाएँगे।

(4) भरमार

उत्तर : मेले में खिलौनों की भरमार थी।

(3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(क) किताबों में क्या-क्या है?

उत्तर : किताबों में चिड़ियों की चहचहाहट, खेतों का लहलहाना, झरनों का गुनगुनाना, परियों के किस्से, रॉकेट का राज़, साइंस की आवाज़ और ज्ञान का भंडार है।

(ख) हमें किताबें क्यों पढ़नी चाहिए?

उत्तर : किताबों से हमें तरह-तरह की जानकारी मिलती है। किताबें हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं। वे हमारा मनोरंजन करती हैं। इसलिए हमें किताबें पढ़नी चाहिए।

(ग) “किताबों में ज्ञान की भरमार है।” ऐसा कवि ने क्यों कहा है?

उत्तर : किताबों से हमें इतिहास, भूगोल, नागरिकशास्त्र आदि का ज्ञान होता है। विज्ञान का ज्ञान भी हमें किताबें देती हैं। धर्म और अध्यात्म का ज्ञान भी पुस्तकों से मिलता है। हमें पुस्तकों से विविध विषयों का ज्ञान मिलने से हम कह सकते हैं कि किताबों में ज्ञान की भरमार है।

(घ) इस काव्य को उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : उचित शीर्षक: किताबें ।

प्रश्न 5. चित्र देखकर नीचे दिए गए शब्दों की मदद से छोटी-सी कहानी बनाकर अपने वर्ग में सुनाइए :

सुबह, घर, मेला, खिलौनेवाला, ढेर सारे, बच्चे, जगाना, खरीदा, खुश, मुर्गा, रात, बक्सा, बाँग

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उत्तर : भोलू नाम का एक लड़का था। नाम के अनुसार ही वह स्वभाव से बहुत भोला था। एक दिन वह माँ से पैसे लेकर पास के गाँव में लगे मेले में गया। साथ में उसका बड़ा भाई भी था। मेले में भोलू ने एक खिलौनेवाले के पास ढेर सारे खिलौने देखे। कई बच्चे उससे खिलौने खरीद रहे थे। भोलू ने दो रुपये में एक मुर्गा खरीदा। उसे सुरक्षित रखने के लिए उसने मेले से एक बक्सा खरीदा। बक्से में मुर्गा रखकर दोनों भाई घर लौटे।

मुर्गे के खिलौने के कारण भोलू बहुत खुश था। रात में उसने माँ से कहा, “माँ, तू सबेरा होने पर मुझे मत जगाना। मुर्गा बाँग देगा तो मैं आप ही उठ जाऊँगा।” माँ मुस्कराई और चुप रही।

सबेरा हुआ। सूरज भी निकल आया। भोलू बहुत देर से उठा। उसने माँ से पूछा, “क्या मुर्गे ने सुबह बाँग नहीं दी?” माँ बोली, “अरे भोलू! तू सचमुच बहुत भोला है। भला, मिट्टी का मुर्गा कहीं बाँग दे सकता है?” यह सुनकर भोलू की सारी खुशी छूमंतर हो गई।

प्रश्न 6. आपके गाँव में बाढ़ आए तो उस समय आप क्या करेंगे? गाँव छोड़कर चले जाएंगे या गाँववालों की मदद करेंगे? अपने विचार कारण सहित बताइए।

उत्तर : मेरे गाँव में बाढ़ आ जाए तो मैं अपने गाँव में ही रहूँगा और अपनी यथाशक्ति गाँव के लोगों की मदद करूंगा। गाँव पर आपत्ति आने पर गाँव छोड़कर भागना तो कायरता है। आपत्ति के समय अपने गाँववालों की मदद करना हमारा कर्तव्य है। मैं अपने पड़ोसियों और मित्रों के परिवारों की हर तरह से सहायता करूँगा। मैं यथाशक्ति उनकी जरूरतों को पूरा करने का प्रयत्न करूँगा। उस समय यही मेरा धर्म होगा और मैं साहसपूर्वक इस धर्म का पूरी तरह पालन करूँगा।

प्रश्न 7. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के विशेषण बनाइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) उनकी ईमानदारी से सारा नगर परिचित है।

उत्तर : ईमानदारी- ईमानदार

वाक्य : यह ईमानदार व्यक्ति है।

(2) हमारी अमीरी लोगों को उपयोगी होगी।

उत्तर : अमीरी- अमीर

वाक्य : इस होटल में अमीर लोग ही आते हैं।

(3) हिमालय पर्वत की ऊँचाई देखनेलायक है।

उत्तर : ऊँचाई – ऊँचा

वाक्य : योग्यता से ही ऊँचा पद मिलता है।

(4) लक्ष्मीबाई वीरता पूर्ण लड़ी।

उत्तर : वीरता – वीर

वाक्य : शिवाजी वीर पुरुष थे।

(5) दूसरों की बुराई करना पाप है।

उत्तर : बुराई – बुरा

वाक्य : हमें बुरे लोगों से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 8. कहावतों का वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।

वाक्य : गलती तुम्हारी है और दोष तुम मुझे दे रहे हो? अरे वाह, उलटा चोर कोतवाल को डाँटे!

(2) न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।

वाक्य : टी.वी. के कारण तुम लोग पढ़ नहीं सकते। तुम्हारे लिए यही अच्छा रहेगा कि टी.वी. ही निकाल दिया जाए। न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।

(3) चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।

वाक्य : रामू को सिर्फ दो महीने के लिए नौकरी मिली थी। दो महीने होने पर रामू ने कहा- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।

(4) अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत?

वाक्य : राकेश परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया तो परीक्षा के लिए पर्याप्त परिश्रम न करने पर पछता रहा था। उस समय आलसी बेटे से पिता ने कहा- अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत?

स्वाध्याय

प्रश्न 1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(1) कवि ने मनुष्य की किस विशेषता की ओर इशारा किया है?

उत्तर : कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ कहते हैं कि मनुष्य सब कुछ कर सकता है। उसने कभी हार नहीं मानी। वह थकना नहीं जानता। जब तक उसमें साँस है, तब तक वह आगे-ही-आगे बढ़ता रहता है। न मनुष्य के साहस की सीमा है और न उसके आत्मविश्वास की। अपने अदम्य साहस और अद्भुत आत्मविश्वास के बल पर ही उसने सात सागर पार किए हैं। इस प्रकार प्रस्तुत कविता में कवि ने मनुष्य के अपार साहस, अथक शक्ति और गजब के आत्मविश्वास की ओर इशारा किया है।

(2) ज्वार कहाँ-कहाँ उठा है?

उत्तर : एक ओर समुद्र में ज्वार उठा है तो दूसरी ओर कवि के हृदय में भावनाओं का ज्वार उठा है। इस प्रकार समुद्र और कवि-हृदय, इन दो स्थानों पर ज्वार उठा है।

(3) समुद्र ने कैसा रूप धारण किया है?

उत्तर : समुद्र में बड़े जोर का तूफान आया है। उसे देखकर ऐसा लगता है जैसे वह जहर उगल रहा हो। समुद्र से लहरें इस प्रकार उठ रही हैं जैसे वे मांझी की नाव को निगल जाएँगी। तूफानी समुद्र ऐसा लग रहा है जैसे उसका सामना कोई नहीं कर सकता। सागर के ज्वार ने बड़ी कठिन परिस्थितियाँ पैदा कर दी है। तूफानी समुद्र आज अपनी असीम शक्ति दिखाने पर तुला हुआ है। उसकी लहरों ने जैसे मनुष्य को पराजित करने की ठान ली है। इस प्रकार समुद्र ने बड़ा उग्र रूप धारण किया है।

(4) कवि ने मनुष्य को ‘मिट्टी का पुतला’ क्यों कहा है?

उत्तर : मनुष्य धरती पर जन्म लेता है। वह मिट्टी में खेल-खेलकर बड़ा होता है। मिट्टी में उत्पन्न होनेवाले पदार्थों से ही मनुष्य का पालन-पोषण होता है। मिट्टी उसकी माँ है। मनुष्य के मर जाने पर उसका शरीर मिट्टी में ही मिल जाता है। इस प्रकार मनुष्य अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक मिट्टी से जुड़ा रहता है। मिट्टी से मनुष्य की इसी अभिन्नता के कारण कवि ने मनुष्य को ‘मिट्टी का पुतला’ कहा है।

(5) माँझी का हाथ कब तक नहीं रुकता है?

उत्तर : समुद्र अगर शक्तिशाली है तो मिट्टी का पुतला माँझी भी कम नहीं है। उसमें अद्भुत साहस और अनोखी शक्ति है। इसलिए वह कभी थकता नहीं है। जब तक उसके शरीर में प्राण हैं, जब तक उसकी साँसों में चेतना है, तब तक माँझी का हाथ रुकने का नाम नहीं लेता। वह संघर्ष करना नहीं छोड़ता। इस प्रकार माँझी अपने अंतिम साँस तक कार्य करता है।

प्रश्न 2. इस कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर : ‘तूफानों की ओर’ कविता में कवि ‘सुमन’ ने बताया है कि यह संसार एक सागर है और प्रत्येक मनुष्य अपने जीवनरूपी नाव का नाविक है। संसार में तूफानों – कठिनाइयों की कमी नहीं है। मनुष्य का कर्तव्य है कि वह उन कठिनाइयों में अपना धैर्य न खोए और साहस से उनका सामना करे। कठिनाइयों में ही मनुष्य के साहस, बल और बुद्धि की परीक्षा होती है। इसलिए वह कठिनाइयों का स्वागत करे और उन पर विजय प्राप्त करे।

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