Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 5 Swadhyay (ધોરણ 8 હિન્દી અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય)

Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 5 Swadhyay
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Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 5 Swadhyay. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 2 એકમ 5 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય. ધોરણ 8 હિન્દી અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.

कक्षा : 8

विषय : हिन्दी

एकम : 5. दोहे

सत्र : द्वितीय

अभ्यास

प्रश्न 1. शिक्षक की सहायता से ‘दोहों’ का भावपूर्ण गान कीजिए।

उत्तर : टेपरिकार्डर या कैसेट पर दोहे सुनिए। दोहों के अर्थ समझकर भावपूर्ण गान कीजिए।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का अर्थ बताकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) उद्यम – परिश्रम

वाक्य : उद्यम से ही सफलता मिलती है।

(2) प्रकृति – स्वभाव

वाक्य : वह सरल प्रकृति का व्यक्ति है।

(3) खैर – कुशलता

वाक्य : मैं आप सबकी खैर चाहता हूँ।

(4) कुसंग – बुरी संगति

वाक्य : कुसंग करने से हमारा पतन होता है।

(5) कंचन – सोना

वाक्य : सास ने बहू को कंचन के कंगन दिए ।

(6) जपमाला – जप करने की माला

वाक्य : दादीजी जपमाला लेकर मंदिर जाती है।

(7) दुःख – गम, खेद

वाक्य : किसी स्पर्धा में हारने पर दुःख होता है।

(8) भुजंग – साँप

वाक्य : भुजंग को देखकर ही लोग डर जाते हैं।

(9) हरषै – (हर्ष) खुशी

वाक्य : हमें देखकर जिनका मन हरषै उसीके घर जाना चाहिए।

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(1) यदि भगवान आपको कुछ माँगने के लिए कहे, तो आप क्या माँगना चाहेंगे?

उत्तर : यदि भगवान मुझे कुछ माँगने के लिए कहे तो मैं उनसे कहूँगा – प्रभु, मेरी बुद्धि इतनी तीव्र हो जाए कि कठिन विषय भी मुझे सरल लगे। आपकी कृपा से स्वस्थ शरीर और ऐसी तीक्ष्ण बुद्धि पाकर मैं व्यापार के क्षेत्र में अच्छा यश पाऊँ और अपने माता-पिता तथा अन्य स्वजनों को किसी तरह का दुःख न पहुँचने दूं। इतना ही नहीं, मैं समाज की सेवा करने में भी समर्थ बन सकूँ और अपने देश को भी कुछ लाभ पहुँचा सकूँ। इस प्रकार मैं भगवान से अपने परिवार, समाज और देश को सुखी बनाने की शक्ति और सामर्थ्य माँगूंगा।

(2) अच्छे व्यक्ति की संगति से आपको क्या लाभ हो सकते हैं?

उत्तर : अच्छे व्यक्ति की संगति से मैं अपनी बुरी आदतें छोड़ सकूँगा। मेरा चरित्र अच्छा बनेगा। मेरे विचार अच्छे बनेंगे। मेरी बुद्धि अच्छी बनेगी। मैं समय का सदुपयोग करूँगा। दुर्व्यसनों में धन और शरीर की बरबादी होती है। अच्छे व्यक्ति की संगति मुझे इस बरबादी से बचाएगी। उससे मुझे अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी, सभी बाधाओं को दूर करने के उपाय मिलेंगे। जीवन में सुख-शांति से रहने का तरीका मिलेगा। इस प्रकार अच्छे व्यक्ति की संगति हर तरह से मेरे लिए वरदान सिद्ध होगी।

(3) लोग धर्म के नाम पर कौन-कौन-से आडम्बर करते हैं?

उत्तर : लोग धर्म के नाम पर दाढ़ी बढ़ाते हैं। सिर पर जटा-जूट रखते हैं। तरह-तरह के तिलक करते हैं। अलग-अलग तरह की मालाओं से जप करते हैं। गले में तरह-तरह की मालाएँ धारण करते हैं। धर्म के नाम पर लोग देव-देवियों के भोग के नाम पर तरह-तरह के व्यंजन बनाकर उनके सामने रखते हैं। भगवान पर सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाते हैं। धर्म के नाम पर कहीं-कहीं पशुओं की बलि भी दी जाती है। इस प्रकार धर्म के नाम पर लोग अनेक प्रकार के आडम्बर करते हैं।

(4) लोग किन-किन कारणों से भीख मांगते हैं?

उत्तर : (1) कुछ लोग जीविका का कोई साधन न होने पर मजबूर होकर भीख माँगते हैं। (2) कुछ लोग भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक प्रकोपों में सब कुछ नष्ट हो जाने पर भीख माँगने लगते हैं। (3) कुछ लोग अपाहिज हो जाने पर पेट भरने के लिए भीख माँगने लगते हैं। (4) गुंडे-बदमाश लोग बच्चों का अपहरण कर उन्हें अपाहिज बना देते हैं, तब वे बच्चे उन दुष्टों के लिए भीख माँगते हैं। (5) कुछ कामचोर और बेशर्म लोग मेहनत करने से बचने के लिए भीख को ही अपना व्यवसाय बना लेते हैं।

स्वाध्याय

प्रश्न 1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(1) कबीर साँई से कितना माँगते हैं?

उत्तर : कबीर संग्रह करना उचित नहीं समझते। वे भगवान से उतना ही अन्न और धन माँगते हैं जितना उनके परिवार के निर्वाह के लिए आवश्यक है। उनके परिवार में कोई भूखा न रहे और दरवाजे पर आया हुआ कोई साधु-फकीर भी भूखा न जाए। कबीर इससे अधिक पाने की इच्छा नहीं करते।

(2) बिना सोचे कार्य करने से क्या होता है?

उत्तर : सोच-समझकर कार्य करना ही बुद्धिमानी है। बिना सोचे-समझे कार्य करने से कार्य बिगड़ जाता है। कार्य बिगड़ने से पछतावा होता है। इतना ही नहीं दुनिया में हँसी होती है। लोग तरह-तरह के ताने मारकर मजाक उड़ाते हैं। इस तरह बिना सोचे-समझे कार्य करनेवाले को उसका बुरा परिणाम भोगना पड़ता है।

(3) चंदन और भुजंग के उदाहरण द्वारा रहीम क्या कहते हैं?

उत्तर : रहीम मानते हैं कि उत्तम स्वभाववाला व्यक्ति बुरे लोगों के साथ रहे तो भी उनसे प्रभावित नहीं होता। चंदन के पेड़ पर साँप लिपटे रहते हैं, परंतु चंदन में उन साँपों का विष व्याप्त नहीं होता। साँपों के साथ रहकर भी चंदन उनके विष से अछूता ही रहता है। इस प्रकार चंदन और भुजंग के उदाहरण द्वारा रहीम कहते हैं कि अगर व्यक्ति उत्तम कोटि का है तो वह संसार में रहकर यहाँ की बुराइयों से अलिप्त रहता है।

(4) रहीम बड़े लोगों की क्या विशेषता बताते हैं?

उत्तर : रहीम कहते हैं कि बड़े लोग कभी अपने मुख से अपनी बड़ाई नहीं करते। वे कभी बड़े बोल नहीं बोलते। बड़ी-बड़ी बातें कर अपना बड़प्पन दिखाना उनके स्वभाव में नहीं होता। जैसे हीरा कीमती रत्न होता है, पर स्वयं अपनी कीमत नहीं बताता, उसी तरह बड़े लोग खुद कभी अपनी प्रशंसा नहीं करते।

(5) तुलसीदास किसके घर नहीं जाना चाहते?

उत्तर : तुलसीदास अपनेपन की भावना को बहुत महत्त्व देते हैं। वे कहते हैं कि जिस घर के लोग हमें आया हुआ देखकर हर्ष का अनुभव न करें, हमें देखकर जिनकी आँखों में स्नेह की चमक न पैदा हो, उस घर में भले सोना बरसता हो, फिर भी वे वहाँ जाना नहीं चाहते।

प्रश्न 2. इस इकाई के दोहों में से आप कौन-से सद्गुण ग्रहण करेंगे?

उत्तर : इस इकाई में संत कबीर, कवि रहीम और संत तुलसीदास के दोहे दिए गए हैं। कबीर की सीख है कि हम आवश्यकता से अधिक पाने की इच्छा न रखें। जो भी काम करें, सोच-समझकर करें। अपने मुख से अपनी प्रशंसा करने से बचें। बिना स्वार्थ के सबका भला चाहें। रहीमजी सीख देते हैं कि हम दूसरों से कुछ भी न माँगें, अपने स्वभाव को हमेशा उत्तम बनाए रखें। तुलसीदासजी प्रेम को धन से अधिक महत्त्व देते हैं। वे विद्याधन पाने के लिए परिश्रम करना जरूरी समझते हैं। इस प्रकार इस इकाई के दोहों से हम दानप्रियता, संतोष, समानता, सत्संगति, विनम्रता, परिश्रम, प्रेमपूर्ण आतिथ्य आदि सद्गुण सीखते हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित जवाब मिलें, ऐसी पहेलियों का निर्माण कीजिए :

(1) तोता

उत्तर :

तन है हरा, मुँह है लाल,

पिंजरे में रखकर लो मुझे पाल।

सबेरे बोलता हूँ नित्य राम-राम,

खाता हूँ हरी मिर्च, अमरूद, आम ।

(2) पतंग

उत्तर :

पंख नहीं हैं, फिर भी मैं उड़ती,

बस एक धागे से जमीन से जुड़ती,

बातें खूब हवा से करती,

कट जाए धागा, जमीन पर गिरती।

(3) चिडिया

उत्तर :

ची ची करके शोर मचाती,

सुबह होते ही, सबको उठाती।

चहक-चहककर गाती गाने,

फूदक-फूदककर चुगती दाने।

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