Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 4 Swadhyay (ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 1 એકમ 4 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય)

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Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 4 Swadhyay
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Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 4 Swadhyay. ધોરણ 8 સેમ 1 હિન્દી વિષયના એકમ 4 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 1 એકમ 4 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.

कक्षा : 8

विषय : हिन्दी

एकम : 4. उठो, धरा के अमर सपूतों

सत्र : प्रथम

अभ्यास

प्रश्न 1. आशय स्पष्ट कीजिए :

“युग-युग के मुरझे सुमनों में नयी नयी मुस्कान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतो, पुनः नया निर्माण करो ।।“

उत्तर : हे मातृभूमि के पुत्रो, तुमने इस देश को स्वतंत्र करने के लिए बड़ा संघर्ष किया है और अंत में तुम विजयी हुए हो। सचमुच, तुम भारतमाता के सपूत हो, लेकिन अभी तुम्हें बहुत कुछ करना है। युग-युग से पराधीनता में रहते-रहते यहाँ के देशवासियों के हृदयों में निराशा भर गई है। तुम्हें इस निराशा को दूर कर इन्हें आशा बँधानी है। पराधीनता के दरम्यान यहाँ जो बरबादी हुई है, उसे दूर कर हर क्षेत्र में नया निर्माण करना है।

प्रश्न 2. कवि ने देश के सपूतों को क्या संदेश दिया है?

उत्तर : कवि देश के सपूतों से कहते हैं कि देश स्वतंत्र हो चुका है। अब तुम्हें देश का नवनिर्माण करना है। स्वतंत्रता का लाभ जन-जन तक पहुँचाना है। देशवासी तुमसे बड़ी-बड़ी आशाएँ रखते हैं। तुम्हें उन्हें निराश नहीं करना है। तुम्हें लोगों में नए प्राण फूँकने हैं। विकास के नए रास्ते खोजकर तुम्हें देश का पिछड़ापन दूर करना है। इस प्रकार कवि ने देश के सपूतो को संदेश दिया है कि वे देश को एक नए युग में ले जाएँ।

प्रश्न 3. हमारी राष्ट्रीय संपत्ति कौन-कौन-सी है? उसकी सुरक्षा के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?

उत्तर : रेलगाड़ियाँ, रेलवे स्टेशन, राष्ट्रीय राजमार्ग, नदियाँ, अभयारण्य, पुरातत्त्व संबंधी संपत्ति आदि हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है।

राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है। हम रेल संपत्ति को नुकसान नहीं पहुँचने देंगे। राजमार्गों की मरम्मत के लिए सरकार को पत्र लिखेंगे। हम लोगों को पानी का महत्त्व समझाकर उसका अपव्यय रोकेंगे। सरकार द्वारा संरक्षित इमारतों को नुकसान पहुँचते देखकर हम पुरातत्त्व विभाग को सूचित करेंगे। अभयारण्यों में रक्षित पशुओं का शिकार होते देखकर हम उससे संबंधित अधिकारियों को सावधान करेंगे।

स्वाध्याय

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(1) कवि माहेश्वरीजी धरा के अमर सपूतों से क्या चाहते हैं?

उत्तर : सदियों की गुलामी के बाद हमारे देश को स्वतंत्रता मिली है। कवि चाहते हैं कि देश के युवक स्वतंत्रता के बाद देश का नवनिर्माण करें। वे लोगों के जीवन में नया उत्साह भरें, उनमें नए प्राणों का संचार करें। युग-युग के मुरझाए हुए फूलों को नयी मुस्कान दें। अपनी मंगलमय वाणी से संसाररूपी उद्यान को गुंजित करें। वे तरह-तरह का ज्ञान प्राप्त कर देश का भविष्य उज्ज्वल बनाएँ। इस प्रकार, कवि माहेश्वरीजी धरा के सपूतों से अनेक अपेक्षाएँ रखते हैं।

(2) कवि नई मुस्कान कहाँ देखना चाहते हैं?

उत्तर : दिलों के फूल स्वतंत्रता के प्रकाश में खिलते हैं। हमारा देश सदियों तक गुलामी के अँधेरे में रहा है। विदेशी शासक यहाँ के लोगों पर अत्याचार करते रहे। अन्याय और तरह-तरह का शोषण सहते-सहते लोग अपना स्वाभिमान खो बैठे। उनके दिलों में उदासी छा गई । कवि की इच्छा है कि ऐसे मुर्दा दिलों में फिर से नए जीवन का संचार हो । इस प्रकार कवि युग-युग से लोगों के मुरझाए हुए हृदय- सुमनों पर नई मुस्कान देखना चाहते हैं।

(3) देश के नवनिर्माण के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?

उत्तर : देश के नवनिर्माण का कार्य करना मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ। इसके लिए मैं अपने मुहल्ले में एक ‘मित्र मंडल’ की स्थापना करूंगा। इस मंडल के माध्यम से साक्षरता का प्रसार किया जाएगा। निर्धन परिवारों के विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें दी जाएँगी। हम अपने मुहल्ले में एक वाचनालय खोलेंगे। यहाँ बैठकर लोग अखबार पढ़ सकेंगे। मंडल की तरफ से वृक्षारोपण किया जाएगा और समय-समय पर आरोग्य-शिबिर लगाए जाएँगे।

(4) इस कविता में कौन-सी बातें हैं, जिन्हें तुम अपने जीवन में उतारना चाहोगे?

उत्तर : ‘उठो, धरा के अमर सपूतो’ कविता की निम्नलिखित बातें मैं अपने जीवन में उतारना चाहूँगा : (1) मैं अपने देश से प्रेम करूंगा। (2) मैं केवल अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए जीऊँगा । (3) मैं सारे देशवासियों को अपना मानूँगा। (4) मैं खूब मन लगाकर पढूँगा। पढ़-लिखकर अपने ज्ञान का उपयोग देश की सेवा में करूंगा। मैं चाहूँगा कि मेरी योग्यता का लाभ देश को मिले। (5) मैं ऐसे काम करूंगा जिनसे देश का गौरव बढ़े। (6) मैं देश की रक्षा करने में कभी पीछे नहीं हटूंगा।

प्रश्न 2. दिए गए काव्य को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी पानी में,

डटे रहो तुम अपने पथ पर, कठिनाई-तूफानों में ।

डिगो न अपने पथ से तुम, तो सब कुछ पा सकते हो प्यारे,

तुम भी ऊँचे उड़ सकते हो, छू सकते हो नभ के तारे

अटल रहो जो अपने पथ पर, लाख मुसीबत आने में,

मिली सफलता उसको जग में, जीने में मर जाने में ।

जितनी भी बाधाएँ आई, उन सब से ही लड़ा हिमालय,

इसीलिए तो दुनिया भर में, हुआ सभी से बड़ा हिमालय।

(1) हिमालय हमें क्या संदेश देता है?

उत्तर : हिमालय हमें यह संदेश देता है कि हम अपने निश्चित मार्ग पर डटे रहें। यदि हम अपने प्रण और पथ पर टिके रहेंगे, तो हमारी सभी इच्छाएँ पूरी हो जाएँगी। यहाँ तक कि हम असंभव को भी संभव कर सकेंगे।

(2) मुसीबत आने पर हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर : मुसीबत आने पर हमें उससे भयभीत नहीं होना चाहिए। उससे घबराकर अपना प्रण और पथ नहीं छोड़ना चाहिए।

(3) कवि ने हिमालय को सबसे बड़ा क्यों कहा है?

उत्तर : हिमालय ने सभी बाधाओं का डटकर मुकाबला किया। वह हर कठिनाई से लड़ा। वह कभी अपने पथ से डिगा नहीं। इसीलिए कवि ने हिमालय को सबसे बड़ा कहा है।

(4) इस काव्य का भावार्थ लिखिए।

उत्तर : जीवन में अनेक बाधाएँ और कठिनाइयाँ आती हैं। हमें निडरता से उनका सामना करना चाहिए। जो मुसीबतों से बिना घबराए अपने प्रण और पथ पर अटल रहते हैं, वे असंभव को भी संभव कर दिखाते हैं।

(5) इस काव्य को योग्य शीर्षक दीजिए।

उत्तर : हिमालय का संदेश।

प्रश्न 3. चित्र के आधार पर कविता लिखिए, जिसमें निम्नलिखित शब्दों का उपयोग हुआ हो :

(फूल, तितली, बादल, वृक्ष, बारिश)

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उत्तर :

धीरे-धीरे बादल बरसे

फुलवारी में फूल खिले हैं,

फिर तितली के पंख खुले हैं।

वृक्षों ने नवजीवन पाया,

बारिश ने है रंग जमाया।

कोई न अब पानी को तरसे

धीरे-धीरे बादल बरसे ।

प्रश्न 4. अपूर्ण काव्य को पूर्ण कीजिए :

माँ खादी की चद्दर दे दो,

मैं गाँधी बन जाऊँगा

उत्तर :

माँ खादी की चद्दर दे दो,

मैं गाँधी बन जाऊँगा ।

घड़ी कमर में मैं लटका लूँ,

आँखों को चश्मा पहना दूँ

माँ छोटी-सी लाठी दे दो,

ठक-ठक करता जाऊँगा।

भाषा-सज्जता

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में से संज्ञा ढूंढकर उसका भेद बताइए :

(1) सोना कीमती धातु ।

उत्तर :

सोना =  द्रव्यवाचक संज्ञा

धातु = जातिवाचक संज्ञा

(2) गंगा पवित्र नदी है।

उत्तर :

गंगा = व्यक्तिवाचक संज्ञा

नदी = जातिवाचक संज्ञा

(3) उमंग दौड़ रहा है।

उत्तर :

उमंग = व्यक्तिवाचक संज्ञा

(4) दल जा रहा है।

उत्तर :

दल = समूहवाचक संज्ञा

(5) राजेश भय के कारण जंगल में नहीं गया।

उत्तर :

राजेश = व्यक्तिवाचक संज्ञा

भय = भाववाचक संज्ञा;

जंगल = जातिवाचक संज्ञा

प्रश्न 2. निम्नलिखित एकवचन वाक्यों को बहुवचन में परिवर्तित कीजिए :

(1) मुझे लुटेरे का डर था ।

उत्तर : हमें लुटेरों का डर था ।

(2) पक्षी ने उड़ान भरी ।

उत्तर : पक्षियों ने उड़ानें भरीं।

(3) उसने मुझे मिठाई दी ।

उत्तर : उन्होंने हमें मिठाइयाँ दीं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित भाववाचक संज्ञाओं को जातिवाचक संज्ञा में परिवर्तित करके वाक्य फिर से लिखिए :

(1) विज्ञान ने दूरी कम की है।

उत्तर : विज्ञान ने दूरियाँ कम की हैं।

(2) नदी की लंबाई अधिक है।

उत्तर : नदी की लंबाइयाँ अधिक हैं।

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