Class 7 Hindi Sem 2 Chapter 2 Swadhyay
Class 7 Hindi Sem 2 Chapter 2 Swadhyay. ધોરણ 7 સેમ 2 હિન્દી વિષયના એકમ 2 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 7 હિન્દી સેમ 2 એકમ 2 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.
कक्षा : 7
विषय : हिन्दी
एकम : 2. हम भी बनें महान
सत्र : द्वितीय
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) बच्चे को बचाने में देरी होती तो क्या होता?
उत्तर : बच्चे को बचाने में देरी होती तो वह सामने से आ रही मोटर के नीचे आ जाता।
(2) दूसरों की जान बचाना’ हमारा कर्तव्य है। आप और किन बातों को अपना कर्तव्य समझते हैं?
उत्तर : मैं निम्नलिखित बातों को अपना कर्तव्य समझता हूँ : (1) किसी को दुःख न पहुँचाना। (2) बड़ों का सम्मान करना। (3) अन्याय को सहन न करना। (4) कभी किसीको धोखा न देना। (5) देश की सेवा करना। (6) अनुशासन का पालन करना।
(3) मुख्य अतिथि को द्वार पर ही रोक देना सही था? क्यों?
उत्तर : समारोह में प्रवेश उन्हीं को दिया जाता था जिनके पास निमंत्रणपत्र हों। मुख्य अतिथि भले सम्माननीय व्यक्ति थे, परंतु उनके पास निमंत्रणपत्र नहीं था। इसलिए नियम के अनुसार उन्हें द्वार पर रोक देना सही था।
(4) आपको कहाँ-कहाँ पर भेदभाव की नीतियाँ दिखाई देती हैं?
उत्तर : हमारा समाज भेदभाव की नीति से अब भी मुक्त नहीं हो पाया है। परिवार में बेटा-बेटी का, समाज में गरीब-अमीर, ऊँच-नीच, जाति-पाँति का भेद देखा जाता है। सरकारी और निजी कार्यालयों में वरिष्ठ और कनिष्ठ के बीच भेदभाव की नीति दिखाई देती है
(5) सफल होने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर : सफल होने के लिए हमें लक्ष्य के प्रति जरा भी लापरवाह नहीं होना चाहिए। लक्ष्य को पाने के लिए लगातार अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के समय दिखाई देनेवाली अपनी त्रुटियों को दूर करना चाहिए।
(6) आप किसको ‘प्रामाणिक इन्सान’ कहते हैं?
उत्तर : जो व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई के सिवाय और किसी धन का उपयोग नहीं करता, उसे मैं प्रामाणिक इन्सान कहता हूँ। प्रामाणिक दुकानदार वस्तु का सही दाम लेता है। प्रामाणिक अधिकारी कभी किसी से रिश्वत नहीं लेता। प्रामाणिक टैक्सीवाला मीटर में दिखाए दाम से अधिक किराया नहीं लेता। ऐसे लोगों को मैं ‘प्रामाणिक इन्सान’ कहता हूँ।
प्रश्न 2. आपने कोई घटना या प्रसंग सुना हो या पढ़ा हो, उसे कक्षा में कहिए। कक्षा में प्रस्तुत की गई घटना या प्रसंग में से किसी एक को अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर : रायगढ़ शिवाजी की राजधानी था। शिवाजी भी रायगढ़ के किले में रहते थे। किले का यह नियम था कि फाटक सूर्योदय होने पर खुलता था और सूर्यास्त होने पर बंद हो जाता था। बंद फाटक सूर्योदय होने के पहले कभी नहीं खोला जा सकता था। इस नियम का पूरी सख्ती से पालन किया जाता था।
एक बार एक अधिकारी रात को दो बजे आया और उसने द्वारपाल को फाटक खोलने का आदेश दिया। उसने कहा कि वह शिवाजी का खास आदमी है और बहुत जरूरी काम से उनसे मिलना चाहता है। यदि वह उसे किले में नहीं जाने देश तो शिवाजी उसे कड़ा दंड देंगे। वे उसे नौकरी से भी निकाल सकते हैं। द्वारपाल ने उससे साफ कह दिया, “आप कोई भी हों और कुछ भी कहें, मैं फाटक नहीं खोलूंगा। आपको अंदर जाना है, तो सुबह होने तक फाटक खुलने का इंतजार कीजिए। उस व्यक्ति ने द्वारपाल को फाटक खोलने के लिए एक बड़ी रकम देने का लालच दिया, लेकिन द्वारपाल ने किसी भी कीमत पर फाटक खोलने से इन्कार कर दिया। आखिर फाटक अगले दिन सूर्योदय होने पर ही खुला।
वास्तव में उस अधिकारी के रूप में शिवाजी ही अपने द्वारपाल की परीक्षा ले रहे थे। द्वारपाल की प्रामाणिकता और निष्ठा देखकर वे बहुत खुश हुए और उसे अच्छा पुरस्कार दिया।
प्रश्न 3. चर्चा कीजिए :
(1) यदि पक्षी बोल पाते तो पेड़ों की कटाई के विषय में वे आपसे क्या कहते?
उत्तर : (कुछ पक्षी मुझे पेड़ काटते देखकर)
कौआ – अरे भाई, तुम यह पेड़ क्यों काट रहे हो? यह पेड़ तो हमारा आश्रय-स्थान है।
कोयल – इसकी हरियाली देखकर प्रसन्नता के मारे मैं कूकने लगती हूँ।
तोता – इसी पेड़ की डालों पर मेरा बचपन बीता है। कृपा कर इसे मत काटो। अरे! ये पेड़ तो धरती के बेटे हैं। इन्हें काटने से धरती माँ रुष्ट हो जाती है। जहाँ घने पेड़ होते हैं, जंगल होते हैं, वहाँ अच्छी वर्षा होती है। केवल हम पक्षी ही नहीं, सभी प्राणी जल से ही जिंदा । आजकल जहाँ सूखा पड़ता हैं, उसके लिए वहाँ के पेड़ों की कटाई ही जिम्मेदार हैं। पेड़ काटने से बादल भी रुष्ट हो जाते हैं। लेकिन तुम मनुष्य इन पेड़ों का महत्त्व नहीं जानते। ये पेड़ केवल फल-फूल और छाया ही नहीं देते, ये वातावरण को शुद्ध बनाकर सबको स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।
कौआ – (मुझसे) मैं समझता हूँ कि तोताभाई ने तुम्हें पेड़ों का महत्त्व अच्छी तरह समझा दिया है। अब तुम पेड़ काटने की बात कभी नहीं सोचोगे।
कोयल – हाँ, तुम पेड़ काटोगे तो मैं कहाँ बैठकर मधुर गीत गाऊँगी। मेरी बोली की मिठास से ही तो आमों में मिठास आती है। पेड़ न होंगे तो वसंत कहाँ आएगा? इसलिए मेरे भाई, पेड़ों को जिंदा रहने दो। ये जिंदा हैं, तो सबकी जिंदगी सुरक्षित है।
(2) यदि धरती बोल पाती तो मनुष्य के बारे में ईश्वर से क्या शिकायत करती?
उत्तर : यदि धरती बोल पाती तो मनुष्य के बारे में ईश्वर से कहती, “हे प्रभु, तुम्हारा बनाया यह इन्सान बहुत बुद्धिमान है। इसकी बुद्धि के चमत्कार देखकर तो आप भी हैरान हो जाएंगे। बिजली, सिनेमा, टेलीविजन, मोबाइल, टेलीफोन, कम्प्यूटर, हवाईजहाज, रेलगाड़ी, मोटर अरे! कहाँ तक गिनाऊँ इसके करतब? शहरों में इसने स्वर्ग ही खड़ा कर दिया है। अपने इस बेटे की अक्लमंदी पर मुझे गर्व है। लेकिन इतना बुद्धिमान होने पर भी लोभ, ईर्ष्या, द्वेष, हिंसा, अनीति आदि से इसे छुटकारा नहीं मिला है। इसने बम और मिसाइल जैसे विनाश के भयानक साधन बनाए हैं। जो पेड़ मनुष्य को फल, फूल, छाया, लकड़ी और न जाने क्या-क्या देते हैं, उन्हें यह बड़ी बेरहमी से काट डालता है। इसमें इतनी भी बुद्धि नहीं कि पेड़ काटकर
यह अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। इसकी ऐसी ही नादानी से न जाने कितने जंगल बरबाद हो गए हैं। सूखा, बाढ़ आदि के रूप में उसका परिणाम भी वह भुगत रहा है, फिर भी इसकी आँखें नहीं खुलतीं। हे प्रभु, अब आप ही इसे समझाइए और राह पर लाइए।
प्रश्न 4. निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और लिखिए :
किसी ने स्वामी विवेकानंद से पूछा, “सब कुछ खोने पर भी मनुष्य के पास क्या होना जरूरी है?” स्वामी विवेकानंद ने कहा, “उस उम्मीद का होना जरूरी है, जिसके बलबूते पर हम खोया हुआ सब कुछ वापस पा सकते हैं।”
उत्तर : परिच्छेद को ध्यान से पढ़िए और समझिए। फिर वर्तनी, विरामचिह्न आदि का ध्यान रखते हुए, सुंदर हस्ताक्षरों में अपनी कॉपी में लिखिए।
प्रश्न 5. निम्नलिखित परिच्छेदों में उचित विरामचिह्न लगाकर लिखिए :
[(।) (?) (!) (-) (‘’) (“…”) (,) (;)]
(1) बात पुराने जमाने की है उन दिनों देवताओं और दानवों में युद्ध होता रहता था दोनों पक्ष मिलकर एक बार प्रजापति के पास गए वहाँ जाकर बोले मान्यवर हम दोनों ही आपकी संतानें हैं बताइए कि हम दोनों में बड़ा कौन है
उत्तर : बात पुराने समय की है। उन दिनों देवताओं और दानवों में युद्ध होता रहता था। दोनों पक्ष मिलकर एक बार प्रजापति के पास गए। वहाँ जाकर बोले, “मान्यवर, हम दोनों ही आपकी संतानें हैं। बताइए कि हम दोनों में बड़ा कौन है?”
(2) समय वह संपत्ति है जो प्रत्येक मनुष्य को प्रगति की ओर ले जाती है जो लोग इस धन का उचित विनियोग करते हैं उन्हें शारीरिक सुख तथा आत्मिक आनंद प्राप्त होता है इसीके द्वारा मूर्ख चतुर निर्धन धनवान और अज्ञानी ज्ञानी बन सकता है संतोष या सुख मनुष्य को तब तक प्राप्त नहीं होते जब तक वह उचित रीति से समय का उपयोग नहीं करता क्या तुम मानते हो कि समय नि:संदेह एक रत्नराशि है
उत्तर : समय वह संपत्ति है, जो प्रत्येक मनुष्य को प्रगति की ओर ले जाती है। जो लोग इस धन का उचित विनियोग करते हैं, उन्हें शारीरिक सुख तथा आत्मिक आनंद प्राप्त होता है। इसी के द्वारा मूर्ख, चतुर, निर्धन, धनवान और अज्ञानी ज्ञानी बन सकता है। संतोष या सुख मनुष्य को तब तक प्राप्त नहीं होते, जब तक वह उचित रीति से समय का उपयोग नहीं करता। क्या तुम मानते हो कि समय नि:संदेह एक रत्नराशि है?
स्वाध्याय
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए :
(1) लड़के ने रोने का क्या कारण बताया?
उत्तर : लड़के ने रोने का कारण बताते हुए कहा, “उसके पास एक चवन्नी थी, जो कहीं गिर गई। अगर वह नहीं मिली तो माँ उसे बहुत पीटेगी।”
(2) नरेन्द्र बड़ा होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर : नरेन्द्र बड़ा होकर स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
(3) इस प्रसंग में नरेन्द्र में कौन-कौन-से गुण नजर आते हैं?
उत्तर : इस प्रसंग से पता चलता है कि नरेन्द्र वस्तु की अपेक्षा व्यक्ति को अधिक महत्त्व देता था। उसकी दृष्टि में मानवता का स्थान सबसे ऊँचा था।
(4) द्वार पर रानडे को देखकर स्वागत-समिति के सदस्यों ने क्या किया?
उत्तर : द्वार पर रानडे को देखकर स्वागत-समिति के सदस्यों ने उन्हें आदरपूर्वक मंच की ओर ले जाने का प्रयास किया।
(5) अल्पाहार के समय कौन नहीं दिखाई दे रहा था?
उत्तर : अल्पाहार के समय क्रिकेट टीम का कप्तान नहीं दिखाई दे रहा था।
(6) सफलता के क्या-क्या आधार हैं?
उत्तर : लक्ष्य के प्रति एकाग्रता, अविरत अभ्यास, कठोर परिश्रम और लगन ही सफलता के आधार हैं।
(7) हजरत अली ने एक मोमबत्ती बुझाकर दूसरी मोमबत्ती क्यों जलाई?
उत्तर : हजरत अली राज का काम कर रहे थे। इसलिए उन्होंने राज की मोमबत्ती जला रखी थी। जब उन्होंने निजी काम शुरू किया तो वह मोमबत्ती बुझाकर उन्होंने अपनी मोमबत्ती जलाई। इस प्रकार चोरी और हरामखोरी से बचने के लिए हजरत अली ने दूसरी मोमबत्ती जलाई।
(8) हमारे पुरखों ने क्या कहा है?
उत्तर : हमारे पुरखों ने कहा है – किसीके धन-माल की लालसा मत करो। “मा गृधः कस्यस्विद्धनम्।”
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) लोगों की बात सुनकर नरेन्द्र ने क्या कहा?
उत्तर : लोगों की बात सुनकर नरेन्द्र ने कहा कि मेरा शिवलिंग तो साधारण मिट्टी का था। बालक की जान बचाने में वह टूट गया तो क्या हुआ? शिवलिंग को बचाने की अपेक्षा इस बालक की जान बचाना मेरा पहला कर्तव्य था ।
(2) रानडे को किसने रोका? क्यों?
उत्तर : रानडे को द्वार पर नियुक्त स्वयंसेवक ने रोका। पूना के न्यू इंग्लिश हाईस्कूल में समारोह हो रहा था। प्रमुख-द्वार पर नियुक्त स्वयंसेवक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह उन्हीं अतिथियों को प्रवेश दे जिनके पास निमंत्रणपत्र हों। रानडे समारोह के मुख्य अतिथि थे, परंतु उनके पास निमंत्रणपत्र नहीं था। इसलिए स्वयंसेवक ने उन्हें रोका।
(3) कोच, मैनेजर और साथी खिलाड़ी क्यों दंग रह गए?
उत्तर : अल्पाहार के लिए सब हाजिर थे, परंतु टीम का कप्तान दिखाई नहीं दे रहा था। पूरी टीम उसे ढूँढ़ने में लग गई, पर वह कहीं नजर नहीं आया। आखिर किसीने उसे उसके कमरे की गैलरी में देखा। वह एक हाथ से गेंद दीवार पर फेंक रहा था और जब उससे टकराकर वह वापस आती थी तो दूसरे हाथ से गेंद को बल्ले से खेलता था। क्रिकेट के प्रति टीम के कप्तान का ऐसा लगाव देखकर कोच, मैनेजर और साथी खिलाड़ी दंग रह गए।
(4) राजकाज का काम कैसे अच्छी तरह से चल सकता है?
उत्तर : हजरत अली राजकाज के लिए राज की मोमबत्ती जलाते थे। अपना काम करने के लिए वे राज की मोमबत्ती बुझाकर अपनी मोमबत्ती जलाते थे। निजी काम के लिए राज की मोमबत्ती जलाना उनकी नजर में चोरी और हरामखोरी थी। राजकाज में हजरत अली जैसी प्रामाणिकता रखी जाए तो ही वह अच्छी तरह से चल सकता है।
प्रश्न 3. उचित विकल्प के सामने का गोला कीजिए :
(1) नरेन्द्र ने लड़के को क्या दिया?
(A) अठन्नी
(B) चवन्नी
(C) शिवलिंग
(D) रुपया
उत्तर : (B) चवन्नी
(2) समारोह के मुख्य अतिथि कौन थे?
(A) हजरत अली
(B) स्वामी विवेकानंद
(C) गोपालकृष्ण गोखले
(D) महादेव गोविंद रानडे
उत्तर : (D) महादेव गोविंद रानडे
(3) स्वयंसेवक क्या देखकर लोगों को यथास्थान ले जा रहा था?
(A) निमंत्रणपत्र
(B) पहचानपत्र
(C) राशनकार्ड
(D) ड्राइविंग लाइसन्स
उत्तर : (A) निमंत्रणपत्र
(4) स्वागत-समिति के सदस्य रानडे को किस ओर ले जाने का प्रयास कर रहे थे?
(A) विश्रामगृह
(B) भोजनकक्ष
(C) मंच
(D) सभागृह
उत्तर : (C) मंच
(5) किसे ढूँढ़ने के लिए पूरी टीम लग गई?
(A) कोच
(B) मैनेजर
(C) कप्तान
(D) डॉक्टर
उत्तर : (C) कप्तान
प्रश्न 4. कोष्ठक में से शब्दों को चुनकर, समानार्थी शब्दों की जोड़ बनाइए और प्रत्येक शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए :
कामयाबी, खयाल, नुकसान, प्रसिद्ध, जाँच, अमीर, परीक्षण, हानि, सफलता,विख्यात, विचार, धनवान
उत्तर :
(1) कामयाबी – सफलता
वाक्य : (1) इस बार परीक्षा में उसे अच्छी कामयाबी मिली।
(2) इस बार परीक्षा में उसे अच्छी सफलता मिली।
(2) खयाल – विचार
वाक्य : ( 1 ) आपका खयाल अच्छा है।
(2) आपका विचार अच्छा है
(3) नुकसान – हानि
वाक्य : (1) राजू को धंधे में काफी नुकसान हुआ।
(2) राजू को धंधे में काफी हानि हुई।
(4) प्रसिद्ध – विख्यात
वाक्य : (1 ) पालिताणा गुजरात का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है।
(2) पालिताणा गुजरात का विख्यात तीर्थस्थल है।
(5) जाँच – परीक्षण
वाक्य : (1) पिताजी हिसाब-किताब की जाँच कर रहे हैं।
(2) पिताजी हिसाब-किताब का परीक्षण कर रहे हैं।
(6) अमीर – धनवान
वाक्य : (1) वह गाँव का सबसे बड़ा अमीर है।
(2) वह गाँव का सबसे बड़ा धनवान है।
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