Class 7 Hindi Sem 1 Chapter 3 Swadhyay
Class 7 Hindi Sem 1 Chapter 3 Swadhyay. ધોરણ 7 સેમ 1 હિન્દી વિષયના એકમ 3 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 7 હિન્દી સેમ 1 એકમ 3 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.
कक्षा : 7
विषय : हिन्दी
एकम : 3. कुत्ते की वफादारी
सत्र : प्रथम
अभ्यास
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों का प्रयोग कहानी के जिस वाक्य में हुआ हो, वह वाक्य पढ़िए :
(1) समाधि : बनजारे ने उस वफ़ादार कुत्ते का समाधि मंदिर बनवाया।
(2) बनजारा : पुराने जमाने में व्यापार का सामान लाने-ले जाने का काम बनजारे करते थे ।
(3) वफ़ादार : कुत्ता बड़ा वफ़ादार था ।
(4) शव : वह कुत्ते के शव को अपनी गोदी में लेकर फूट-फूटकर रोने लगा।
(5) लुटेरा : अगर चोर-लुटेरे पड़ाव की तरफ आते दिखाई देते थे तो कुत्ता भौंक-भौंककर उन्हें दूर भगा देता था ।
(6) जमानत : तो तुम इसे ही जमानत के रूप में दे दो।
(7) सूद : मैं आपकी पूरी रकम सूद समेत एक साल में ही चुका दूंगा।
(8) गोद : वह कुत्ते के शव को अपनी गोद में लेकर फूट-फूटकर रोने लगा ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) समाधि क्यों बनाई जाती है?
उत्तर : किसी विशिष्ट व्यक्ति या प्राणी की याद कायम रखने और उसके प्रति अपना प्रेम तथा सम्मान प्रकट करने के लिए उसकी समाधि बनाई जाती है।
(2) आप इस कहानी को और कौन-कौन-से उचित शीर्षक देना चाहेंगे?
उत्तर : मैं इस कहानी को निम्नलिखित शीर्षक देना चाहूँगा :
(1) जल्दबाजी का नतीजा (परिणाम)
(2) अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत
(3) एक कुत्ते का समाधि-मंदिर
(4) लाखा बनजारा और उसका कुत्ता
(3) कुत्ते को वफ़ादार प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर : कुत्ता अपने मालिक के घर का भरोसेमंद चौकीदार है। कुत्ते के कारण चोर मालिक के घर में घुसने की हिम्मत नहीं करते। यदि चोर मालिक का सामान चुरा ले जा रहे हों तो कुत्ता उनका पीछा करता है। अगर चोरों ने कहीं सामान छिपाया हो तो कुत्ता मालिक को उस जगह तक ले जाता है और छिपाया हुआ सामान वापस दिला देता है। मालिक के लिए कुत्ता अपना जीवन तक कुर्बान कर देता है। अपने इन्हीं गुणों के कारण कुत्ते को ‘वफ़ादार प्राणी’ कहा गया है।
(4) बनजारे ने कुत्ते को आते देख कुछ सोचा होता तो क्या होता?
उत्तर : बनजारे ने कुत्ते को आते देख कुछ सोचा होता तो वह कुत्ते पर लाठी से प्रहार न करता। कुत्ता बनजारे के पास पहुँच जाता तो बनजारा उसके गले में बंधी हुई चिट्ठी अवश्य देखता। चिट्ठी पढ़कर उसे खुशी होती और अपने कुत्ते पर गर्व का अनुभव होता ।
(5) सेठ ने कुत्ते को क्यों मुक्त कर दिया?
उत्तर : सेठ के यहाँ चोरों ने डाका डाला था । कुत्ते ने चोरों का पीछा किया। चोरों ने दूर जंगल में जाकर सारा माल जमीन में गाड़ दिया। फिर वे भाग गए। कुत्ता सेठजी को जंगल में ले गया और भौंक-भौंककर वह जगह बताने लगा, जहाँ चोरों ने माल गाड़ा था। थोड़ा खोदने पर ही चुराया गया सारा सामान मिल गया। सेठजी की खुशी का पार न रहा। कुत्ते की वफ़ादारी पर मुग्ध होकर सेठजी ने उसे मुक्त कर दिया।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखिए :
सुंदर, वापस, वफ़ादार, इसीलिए, आश्चर्य, लुटेरा ।
उत्तर : आश्चर्य, इसीलिए, लुटेरा, वफ़ादार, वापस, सुंदर ।
प्रश्न 4. ‘यदि आप होते तो क्या करते?’ बताइए :
(1) कुत्ते को जमानत पर रखकर सेठ ने पैसे दिए, सेठ की जगह आप होते तो….
उत्तर : सेठ की जगह मैं होता तो मैं भी वही करता जो सेठ ने किया, क्योंकि रुपये उधार देने की यही रीति है।
(2) लाखा ने कुत्ते को बेवफा समझकर लाठी का प्रहार किया, लाखा की जगह आप होते तो….
उत्तर : लाखा की जगह यदि मैं होता तो लाखा की तरह जल्दबाजी में कुत्ते पर प्रहार न करता। मैं कुत्ते को अपने पास आने देता। मैं उसके गले में बँधी सेठ की चिट्ठी देखता। उसे पढ़कर मैं अपने कुत्ते को गले लगा लेता।
प्रश्न 5. पढ़िए, हँसिए और सही शब्द लिखिए :
उत्तर :
राजा – रानी
ग्वाला – ग्वालिन
अभिनेता – अभिनेत्री
रानी – राजा
शेरनी – शेर
उत्तर :
सुनार – सुनारिन
ऊँट – ऊँटनी
लुटेरा – लुटेरिन
बनजारा – बनजारिन
सेठ – सेठानी
स्वाध्याय
प्रश्न 1. ढाँचे पर से कहानी लिखिए :
एक नौकर द्वारा हार चोरी करना – सेठ का सभी नौकरों से पूछना – किसी का चोरी कबूल न करना – सेठ द्वारा युक्ति करना – प्रत्येक को सात-सात ईंच की लकड़ी देना – जादू की छड़ी होने की बात कहना – दूसरे दिन दिखाने को कहना – चोर की लकड़ी एक ईंच बढ़ जाएगी – घर जाकर हार चुरानेवाले नौकर का एक ईंच लकड़ी काटना – दूसरे दिन चोर का पकड़ा जाना ।
उत्तर :
सेठ की चतुराई
सुंदर नगर में माणिकचंद नाम का एक सेठ रहता था। उसके घर में कई नौकर-चाकर थे।
एक दिन सेठानी अपना कीमती हार मेज पर ही रखकर किसी काम से चली गई। एक नौकर ने मौका देखा और हार चुरा लिया। सेठानी लौटकर आई तो मेज पर हार न देखकर सन्न रह गई। उसने सेठ से हार की चोरी की बात की । सेठ ने सभी नौकरों को बुलाकर पूछा, परंतु किसी ने हार की चोरी कबूल नहीं की।
सेठ बुद्धिमान थे। उन्होंने एक युक्ति की। उन्होंने प्रत्येक नौकर को सात ईंच की लकड़ी दी और कहा, “देखो, यह जादू की छड़ी है। तुम इसे घर ले जाओ । कल लाकर मुझे दिखाना। जिसने हार चुराया होगा, उसकी लकड़ी एक ईंच बढ़ जाएगी।
सभी नौकर अपनी-अपनी लकड़ी लेकर घर गए। हार चुरानेवाले नौकर ने सोचा, “मैंने हार की चोरी की है, इसलिए मेरी लकड़ी एक ईंच बढ़ जाएगी। क्यों न मैं एक ईंच लकड़ी काट दूँ तो एक ईंच बढ़ने पर भी वह सात ईंच की ही रहेगी। ” ऐसा सोचकर उसने अपनी लकड़ी एक ईंच काट दी।
दूसरे दिन सभी नौकर अपनी-अपनी लकड़ी लेकर सेठ के घर पहुँचे। सेठ ने प्रत्येक की लकड़ी देखी। एक नौकर की लकड़ी एक ईंच कम थी। जरा-सा धमकाने पर उसने चोरी कबूल कर ली। सेठ ने उससे हार वापस लिया और उसे नौकरी से निकाल दिया।
इस तरह सेठ ने युक्ति से हार को चुरानेवाले नौकर को पकड़ा
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) रात को कुत्ता पड़ाव की रखवाली कैसे करता था?
उत्तर : कुत्ता बहुत वफ़ादार था। रात को वह सावधान रहकर पड़ाव की रखवाली करता था। अगर चोर-लुटेरे पड़ाव की तरफ आते दिखाई देते तो कुत्ता भौंक-भौंककर उन्हें दूर भगा देता था।
(2) सेठ ने बनजारे के साथ कौन-सी शर्त रखी?
उत्तर : बनजारा सेठ के पास उधार रुपये लेने के लिए आया था, परंतु रुपये के बदले में गिरवी रखने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था। तब सेठ ने बनजारे से कहा कि तुम अपना कुत्ता ही जमानत के रूप में रख दो । जब तुम सारे पैसे लौटा दोगे तब कुत्ता तुम्हें वापस लौटा दूंगा। इस प्रकार सेठ ने बनजारे के आगे रकम के बदले में कुत्ते को गिरवी रखने की शर्त रखी ।
(3) सेठ ने कुत्ते को क्यों मुक्त कर दिया?
उत्तर : सेठ के यहाँ चोरों ने डाका डाला था । कुत्ते ने चोरों का पीछा किया। चोरों ने दूर जंगल में जाकर सारा माल जमीन में गाड़ दिया। फिर वे भाग गए। कुत्ता सेठजी को जंगल में ले गया और भौंक-भौंककर वह जगह बताने लगा, जहाँ चोरों ने माल गाड़ा था। थोड़ा खोदने पर ही चुराया गया सारा सामान मिल गया। सेठजी की खुशी का पार न रहा। कुत्ते की वफ़ादारी पर मुग्ध होकर सेठजी ने उसे मुक्त कर दिया।
(4) ‘कुत्ते की वफ़ादारी’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर : लाखा ने अपने कुत्ते को सेठ को छोड़कर अपने पास आते देखा तो जल्दबाजी में उस पर लाठी का प्रहार कर दिया। उससे कुत्ते की मृत्यु हो गई। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। सोच-समझकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए। जल्दबाजी में काम करने पर बाद में लाखा बनजारा की तरह पछताना पड़ता है।
प्रश्न 3. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्द का लिंग-परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
उदा : घोड़ा दौड़ रहा है।
उत्तर : घोड़ी दौड़ रही है।
(1) सेठ ने कहा, “रुपये तो मैं दे दूंगा ।”
उत्तर : सेठानी ने कहा, “रुपये तो मैं दे दूँगी ।”
(2) बनजारे को बहुत दुःख हुआ ।
उत्तर : बनजारिन को बहुत दुःख हुआ।
(3) ऊँट की पीठ पर सामान लदा है।
उत्तर : उँटनी की पीठ पर सामान लदा है।
(4) मैदान में लड़का खेल रहा है।
उत्तर : मैदान में लड़की खेल रही है।
प्रश्न 4. बक्से में से लिंग आधारित शब्दों के जोड़े मिलाइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
शिष्य, नागिन, शिक्षक, घोड़ा, गाय, देव, बैल, शिष्या, घोड़ी, शिक्षिका,देवी, नाग
उत्तर :
(1) शिष्य – शिष्या
शिष्य गुरु की सेवा कर रहा है।
शिष्या गुरु की सेवा कर रही है।
(2) नाग – नागिन
नाग फन उठाए बैठा है।
नागिन फन उठाए बैठी है।
(3) शिक्षक – शिक्षिका :
शिक्षक पढ़ा रहा ।
शिक्षिका पढ़ा रही है ।
(4) गाय – बैल
गाय दूध देती है।
बैल किसान का मित्र है ।
(5) देव – देवी
देव प्रसन्न होकर वरदान देते हैं ।
देवी प्रसन्न होकर वरदान देती है।
(6) घोड़ा – घोड़ी
महाराणा का घोड़ा बहुत वफ़ादार था ।
सवार की रक्षा के लिए घोड़ी ने अपने प्राण दे दिए ।
प्रश्न 5. रेखांकित शब्द की संज्ञा पहचानिए :
(1) सैनिक हमारे देश की रक्षा करते हैं।
उत्तर : सैनिक – जातिवाचक संज्ञा
(2) हमें देश की प्रगति के बारे में सोचना चाहिए।
उत्तर : देश – जातिवाचक संज्ञा
(3) गंगा भारत की पवित्र नदी है ।
उत्तर : नदी – जातिवाचक संज्ञा
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