Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 3 Swadhyay. ધોરણ 8 સેમ 1 હિન્દી વિષયના એકમ 3 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 1 એકમ 3 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.
Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 3 Swadhyay
कक्षा : | 8 |
विषय : | हिन्दी |
एकम : 3 | अंतरिक्ष परी सुनीता विलियम्स |
सत्र : | प्रथम |
Topic | अभ्यास–स्वाध्याय |
अभ्यास
प्रश्न 1. प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :
(1) सुनीता को ‘पूरे विश्व की बेटी’ क्यों कहा गया है?
उत्तर : पृथ्वी भले अनेक देशों में बँटी हो, लेकिन अंतरिक्ष सारे विश्व का है। इसलिए अंतरिक्षयात्री सुनीता को ‘पूरे विश्व की बेटी’ कहा गया है।
(2) महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर सकी हैं। आपका क्या मत है?
उत्तर : बुद्धि, प्रतिभा और योग्यता पर केवल पुरुषों का ही अधिकार नहीं है। महिलाएँ भी प्रत्येक क्षेत्र में अपना नाम उजागर कर सकती हैं। आज वे ऊँचे-से- ऊँचे पदों पर आसीन हैं। श्रीमती प्रतिभा पाटिल भी भारत के राष्ट्रपति पद पर रह चुकी हैं। इसके पहले श्रीमती इंदिरा गाँधी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नाम कमा चुकी हैं। संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर और आशा भोंसले आज भी सारे विश्व में लोकप्रिय हैं। मेरा मत है कि पुरुषों की तरह महिलाएँ भी प्रत्येक क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर सकती हैं।
(3) “कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय और प्रतिभा के बल पर व्यक्ति अपनी मंजिल पा सकता है।” चर्चा कीजिए ।
उत्तर : (शिशिर, शशांक और सोनम चर्चा करते हुए)
शिशिर : सोनम, तुम्हारे भाई दीपू ने तो सचमुच कमाल कर दिया। कल मैच में उसने दोहरा शतक बनाया । उसे खेलते देखना कितना अच्छा लग रहा था।
सोनम : उसे बचपन से ही क्रिकेट का बेहद शौक है। छोटा था तो घर के आँगन में माँ गेंदबाजी करती थी और दीपू भैया बल्लेबाजी करता था। स्कूल और कॉलेज में भी क्रिकेट ही उसका मुख्य शौक रहा।
शशांक : हाँ, अब उसका अभ्यास सचमुच रंग लाया है ।
सोनम : राष्ट्रीय टीम के लिए भी उसे चुन लिया गया है।
शशांक : क्रिकेट ही नहीं, किसी भी क्षेत्र में सच्ची लगन से किया गया परिश्रम एक दिन अवश्य सफल होता है। बड़े-बड़े वैज्ञानिक, लेखक, संगीतकार, नेता, अभिनेता सब कड़ी मेहनत करके ही आगे आए हैं।
शिशिर : लेकिन भाग्य का भी तो साथ होना चाहिए।
सोनम : मैं तो मानती हूँ कि कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय और प्रतिभा से ही भाग्य बनता है। जिसके पास ये तीनों हैं, वही भाग्यवान हैं और वही सफलता प्राप्त करता है।
(4) आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? क्यों?
उत्तर : मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता हूँ। आज हमारे देश में बीमारियाँ बढ़ रही हैं और योग्य डॉक्टरों की कमी हैं। जो डॉक्टर योग्य हैं, उनकी फीस सुनकर बीमारी और बढ़ जाती है। गाँवों के गरीब मरीजों को अपने मकान और जमीन बेचकर शहर के अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ता है। मैं एक कुशल और योग्य डॉक्टर बनकर उचित फीस में ऐसे मरीजों का इलाज करना चाहता हूँ। डॉक्टर के पेशे में कमाई के साथ लोगों की सेवा का अवसर भी मिलता है। इसीलिए मैं डॉक्टर बनना चाहता हूँ।
स्वाध्याय
(1) सुनीता कितने समय तक अंतरिक्ष में रहकर लौटीं?
उत्तर : सुनीता 194 दिन 18 घंटे और 58 मिनट अंतरिक्ष में रहकर लौटीं।
(2) सुनीता ने अंतरिक्ष में कितने प्रकार के रिकॉर्ड बनाए?
उत्तर : सुनीता ने अप्रैल, 2007 में अंतरिक्ष के बोस्टन मैराथन में भाग लिया था। इसमें 4 घंटे 24 मिनट में 42 किमी का सफर तय करके वह प्रथम स्थान पर रही थी। सुनीता से पहले शैनोन ल्यूसिक नामक अंतरिक्षयात्री 188 दिन और 4 घंटे अंतरिक्ष में रहा था। सुनीता ने अंतरिक्ष में उससे 6 दिन 14 घंटे अधिक समय तक रहकर ल्यूसिक का रिकॉर्ड तोड़ा। इसी प्रकार 29 घंटे 17 मिनट तक स्पेसवॉक करके उसने एक नया रिकॉर्ड बनाया। इस तरह सुनीता ने अंतरिक्ष में अनेक प्रकार के रिकॉर्ड बनाए ।
(3) अंतरिक्ष परी सुनीता विलियम्स के अलावा हमारे देश के अंतरिक्षयात्री कौन-कौन हैं?
उत्तर : अंतरिक्ष परी सुनीता विलियम्स के अलावा हमारे देश के अंतरिक्षयात्री हैं – राकेश शर्मा और कल्पना चावला ।
(4) हमें किस बात का गर्व है?
उत्तर : सुनीता भारतीय नागरिक नहीं है, परंतु उसका मूल गुजरात से जुड़ा है। उनके पिता दीपकभाई पंड्या जन्म से गुजराती हैं। उन्होंने अपना आधा जीवन गुजरात में बिताया था। यहाँ वे एक सफल डॉक्टर के रूप में रहे। 1960 में वे हमेशा के लिए अमरीका चले गए। वहाँ उन्होंने युगोस्लाविया की उर्सबाईन बोनी नामक युवती से शादी की। उनकी तीन संतानों में सुनीता सबसे छोटी है। इस प्रकार गुजराती मूल होने के कारण सुनीता भारतीय है। इस तरह सुनीता के भारतीय होने पर हमें गर्व है।
(5) सुनीता ने अपने सपने कैसे साकार किए?
उत्तर : अंतरिक्ष में जाने की सुनीता की तीव्र इच्छा थी। इसलिए पायलट बनने के बाद वे नासा जाने में सफल हुईं। वहाँ उन्हें कड़ा प्रशिक्षण दिया गया। अंतरिक्ष कार्यक्रम तथा अंतरिक्ष यान आदि के बारे में जानकारी पाने के लिए उन्हें रूस में रहना पड़ा। पूरी तैयारी के लिए वे नौ दिन पानी में भी रहीं। उनका पूरा प्रशिक्षण आठ साल में खत्म हुआ। इसके बाद वे डिस्कवरी मिशन में शामिल हुईं और 10 दिसंबर, 2007 को अटलांटिस अंतरिक्ष यान से स्पेस स्टेशन पहुँचीं। इस प्रकार सुनीता ने अपने सपने साकार किए।
(6) अंतरिक्षयात्रा में किस प्रकार की मुश्किलें आती हैं?
उत्तर : अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में रहना आसान नहीं है। वहाँ खाने से लेकर नहाने तक की सभी क्रियाओं में मुश्किलें हैं।
प्रश्न 2. अंदाज अपना-अपना…..
(1) अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उत्तेजना क्यों थी?
उत्तर : अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उत्तेजना थी, क्योंकि अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स हवाई जहाज से वहाँ पहुँची थीं।
(2) हमें नारी का सम्मान क्यों करना चाहिए?
उत्तर : आज महिलाएँ हरेक क्षेत्र में आगे हैं। उनमें ऊँचे-ऊँचे पदों पर आसीन होने की योग्यता है, इसलिए हमें नारी का सम्मान करना चाहिए।
(3) सुनीता पंड्या सुनीता विलियम्स कैसे बनीं?
उत्तर : माइकल विलियम्स सुनीता पंड्या के खास मित्र और सहपाठी थे। सुनीता उनसे शादी करने के कारण सुनीता पंड्या से सुनीता विलियम्स बनीं।
(4) कल्पना चावला हमारी कल्पना बन गईं?
उत्तर : कल्पना चावला अंतरिक्ष अभियान पूरा करने के बाद लौटते समय एक दुर्घटना में चल बसीं। इस तरह हमारी कल्पना बनकर रह गईं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित पात्रों का परिचय दीजिए ।
(1) इंदिरा गाँधी
उत्तर : ये स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुत्री थीं। इनकी माता का नाम कमलादेवी था। इंदिराजी का जन्म 19 नवबंर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इनकी शिक्षा इलाहाबाद और शांतिनिकेतन में हुई। सन् 1942 में इनका विवाह फिरोज गाँधी से हुआ। ये लगभग 17 वर्ष तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। इनके समय में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा। 31 अक्तूबर, 1984 को इनके दो रक्षकों ने ही इनकी हत्या कर दी। इनकी मृत्यु के बाद इनके बड़े पुत्र राजीव गाँधी भारत के प्रधानमंत्री बने ।
(2) सानिया मिर्जा
उत्तर : सानिया मिर्जा भारत की प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी हैं। इनका जन्म 15 नवंबर, 1989 को मुंबई में हुआ था। ये हैदराबाद की रहनेवाली हैं। इन्होंने 6 वर्ष की उम्र से ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। कोच सी. जी. के. भूपति ने इन्हें टेनिस का प्रशिक्षण दिया। सन् 2005 में ये अमेरिकन ओपन के ग्रांड स्लेम के चौथे राउंड तक पहुँचने में सफल रहीं। इन्होंने दुबई और हैदराबाद की कई चैम्पियनशिप जीतीं। भारत सरकार ने इन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया है।
(3) किरण बेदी
उत्तर : किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 में अमृतसर में मध्यमवर्ग के एक प्रगतिशील परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें टेनिस के प्रति लगाव था। टेनिस की राष्ट्रीय स्पर्धाओं में उन्होंने अच्छा नाम कमाया। सन् 1972 में उन्होंने IPS परीक्षा पास की। उच्चकोटि की पुलिस अफसर बननेवाली वे पहली भारतीय महिला हैं। दिल्ली की तिहाड़ जेल के ‘जेल अधीक्षक’ के पद पर रहकर उन्होंने काफी सुधारकार्य किए। अपने साहस, कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकुशलता के लिए उन्हें कई पुरस्कार और मेडल मिले हैं।
(4) मल्लिका साराभाई
उत्तर : मल्लिका साराभाई भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। इनकी माता मृणालिनी भी उच्चकोटि की नर्तकी थीं। मल्लिका के पिता विक्रम साराभाई प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे। मल्लिका का जन्म 1 मई, 1954 को अहमदाबाद में हुआ था। ये कुचिपुड़ी नृत्य और भरतनाट्यम में पारंगत हैं। ये समाजसुधार की प्रवृत्तियों में भी रुचि लेती हैं।
(5) कल्पना चावला
उत्तर : भारत की प्रथम महिला अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला का जन्म 1961 में करनाल शहर में हुआ था। दूर आकाश में उड़ान भरना उनके जीवन का स्वप्न था। उन्होंने दो बार अंतरिक्षयात्रा की। पहली बार 19 नवंबर, 1997 को और दूसरी बार 16 जनवरी, 2003 को। दूसरी बार की सफल यात्रा के बाद 1 फरवरी, 2003 को उनका अंतरिक्ष यान पृथ्वी की ओर लौट रहा था। दुर्भाग्य से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते ही यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कल्पना चावला अपने 6 साथियों के साथ चल बसीं।
(6) पी. टी. उषा
उत्तर : ‘उड़नपरी’ और ‘स्वर्णबाला’ के नामों से प्रसिद्ध पी. टी. उषा भारत की महान धाविका हैं। इनका जन्म 27 जून, 1964 को कोझिकोड़ा में हुआ था। कोच माम्बियार ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और इन्हें प्रशिक्षण दिया। विभिन्न दौड़ प्रतियोगिताओं में इन्होंने अनेक स्वर्ण और रजत पुरस्कार जीते। सन् 1986 के एशियन खेलों में इन्होंने 4 स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया।
प्रश्न 4. चित्र के आधार पर काव्य लिखिए :
उत्तर :
कितना सुंदर प्यारा फूल,
देखो, रहा हवा में झूल ।
मधुर मधुर इसकी मुस्कान,
यह तो है बाग की शान।
प्रश्न 5. परिच्छेद का शुद्ध रूप से अनुलेखन कीजिए :
कुछ नया करने की लगन और उत्साह हो तो लक्ष्य तक पहुँचने से कोई रोक नहीं सकता। बचपन से ही सितारों की सैर का सपना देखनेवाली कल्पना अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के बाद चाँद पर उतरना चाहती थी। बचपन से ही उसके मन में अंतरिक्ष यात्री बनने की धुन सवार थी। एक बातचीत में कल्पना ने कहा था, “मैं बचपन से जिस क्षेत्र में जाना चाहती थी, वहाँ पहुँचने के लिए मैंने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया।”
भाषा-सज्जता
प्रश्न 10. निम्नलिखित शब्दों का लिंग-परिवर्तन कीजिए :
(1) साधु = साध्वी
(2) कुतिया = कुत्ता
(3) युवक = युवती
(4) पुत्र = पुत्री
(5) पड़ोसिन = पड़ोसी
(6) बाघ = बाघिन
(7) ठाकुर = ठकुराइन
(8) संन्यासी = संन्यासिनी
(9) सम्राट = सम्राज्ञी
(10) वर = वधू
Also Read :
Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 4 Swadhyay