Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 6 Swadhyay
Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 6 Swadhyay. ધોરણ 8 સેમ 1 હિન્દી વિષયના એકમ 6 નું અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય વાંચી અને લખી શકશો. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 1 એકમ 6 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.
कक्षा : 8
विषय : हिन्दी
एकम : 6. भरत
सत्र : प्रथम
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(1) इस एकांकी के आधार पर बालक सर्वदमन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : सर्वदमन सुंदर, स्वस्थ और आकर्षक बालक है। उसका मुख अग्नि के समान दमक रहा है। उसका साहसी और निर्भय स्वभाव देखकर आश्चर्य होता है। सिंहशावक के साथ खेलने में वह जरा भी नहीं डरता । शावक की माँ सिंहनी का भी उसे भय नहीं है। वह इतना हठी है कि तपस्विनियों के समझाने का उस पर कोई असर नहीं होता। उसके हाथ में चक्रवर्ती सम्राट के लक्षण हैं। उसे खिलौनों से स्वाभाविक लगाव है ।
(2) सर्वदमन के व्यवहारों को देखकर दुष्यंत के मन में कौन-कौन से विचार आते थे?
उत्तर : सर्वदमन का साहस, निर्भयता और बालहठ देखकर दुष्यंत बहुत आनंदित होते हैं। उनके मन में सर्वदमन के प्रति प्रेम उमड़ आता है। सर्वदमन के मुख पर अग्नि जैसी दमक देखकर उन्हें आश्चर्य होता है। उन्हें लगता है कि यह निश्चय ही किसी तेजस्वी वीर का पुत्र है। बालक के हाथ में चक्रवर्तियों जैसे लक्षण और उसकी कमल जैसी हथेली देखकर वे आनंद और आश्चर्य में डूब जाते हैं। सर्वदमन के हाथ से सिंहशावक छुड़ाते समय वे बालक के हाथ का स्पर्श कर अत्यंत सुख का अनुभव करते हैं। वे सोचते हैं कि जब उन्हें इतना सुख होता है तो जिस भाग्यवान का यह बेटा है, उसे कितना सुख होगा। इस प्रकार सर्वदमन के व्यवहारों को देखकर दुष्यंत के मन में तरह-तरह के विचार आते थे ।
प्रश्न 2. इस एकांकी में निम्नलिखित पात्रों में अंतर्निहित मूल्य बताइए :
(1) दुष्यंत
उत्तर : राजा दुष्यंत कोमल हृदय के व्यक्ति हैं। बालक सर्वदमन की बालचेष्टाएँ उन्हें मुग्ध कर देती हैं। उसके प्रति राजा के मन में स्नेह उमड़ने लगता है। वे सोचते हैं कि यह उनका पुत्र होता तो कितना अच्छा होता! फिर ऐसी घटनाएँ घटती हैं जिनसे सिद्ध हो जाता है कि बालक सर्वदमन उन्हीं का पुत्र है। तब दुष्यंत के आनंद की सीमा नहीं रहती। उनका पितृहृदय वात्सल्य से भर जाता है।
(2) सर्वदमन
उत्तर : सर्वदमन असाधारण बालक है। आश्रम की तपस्विनियाँ उसे सिंहशावक को छोड़ देने के लिए समझाती हैं, पर वह उनकी बात नहीं मानता। दुष्यंत से वह जरा भी परिचित नहीं है, फिर भी वह उनके कहने पर सिंहशावक को छोड़ देता है। उसकी सूरत भी दुष्यंत की सूरत से मिलती है। ‘अपराजित’ नामक रक्षासूत्र भी प्रमाणित कर देता है कि सर्वदमन दुष्यंत का ही पुत्र है। इस प्रकार पिता और पुत्र दोनों एक-दूसरे से अनजान हैं, फिर भी उनके बीच पिता-पुत्र जैसी भावधारा बहने लगती है।
प्रश्न 3. इस परिच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक अच्छा जंगल “जैविक भंडार घर” होता हे। यह हजारों प्रजातियों के पौधों को उगाकर रखता है, जो बाद में चलकर बहुमूल्य हो जाते है। अगर हम जंगल को एक सीमा से भी ज्यादा छाँटते हैं या खत्म करते हैं, तो वे चीजें भी नष्ट हो जाती हैं जिनकी हमें कभी भी बहुत जरूरत हो सकती है। वह एक संभवित पौधा, खाने की औषधीय वस्तु या कोई उपयोगी चीज बनाने में इस्तेमाल होनेवाली कोई जरूरी वस्तु में से कुछ भी हो सकता है।
(1) एक अच्छा जंगल क्या कहलाता है?
उत्तर : एक अच्छा जंगल ‘जैविक भंडार घर’ कहलाता है।
(2) जंगल को ज्यादा छाँटने या खत्म करने से क्या नुकसान होता है?
उत्तर : जंगल को ज्यादा छाँटने या खत्म करने से अत्यंत उपयोगी और जरूरत के समय काम आनेवाली बहुमूल्य वस्तुएँ नष्ट हो जाती हैं।
(3) इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर : जंगल की सुरक्षा – हमारा कर्तव्य ।
(4) पर्यायवाची शब्द लिखिए :
उत्तर :
(1) जंगल = वन
(2) घर = गृह, आवास
(3) बहुत = अधिक
(5) इस परिच्छेद आधारित दो प्रश्न बनाइए ।
उत्तर :
(1) जंगलों की सुरक्षा क्यों आवश्यक है?
(2) जंगल हमारे लिए महत्त्वपूर्ण क्यों है?
प्रश्न 4. सोच अपनी-अपनी….
(1) आपको कौन-सा टीवी प्रोग्राम अच्छा लगता है? क्यों? दस-पंद्रह वाक्यों में वर्णन कीजिए ।
उत्तर : आजकल टीवी के विविध चैनलों पर कई प्रोग्राम दिखाए जाते हैं। सी.आई.डी., क्राईम पेट्रोल, रसोई शो, सास बिना ससुराल, समाचार, बड़े अच्छे लगते हैं, कुछ तो लोग कहेंगे, तारक मेहता का उल्टा चश्मा आदि प्रोग्राम बहुत लोकप्रिय हैं।
इन प्रोग्रामों में ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ नामक कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है। यह स्वच्छ पारिवारिक कार्यक्रम है। इसमें गोकुलधाम सोसायटी के सभ्यों के जीवन से संबंधित विविध प्रसंगों और घटनाओं का सुंदर चित्रण किया गया है। जेठालाल, दयाबेन, डॉक्टर हाथी, बबीताजी, सोढी और टप्पू-सेना आदि पात्रों का अभिनय जानदार है।
एक दिन जेठालाल अपने ही गोदाम में अपने सहायक नटुकाका के हाथों गलती से कैद हो जाते हैं। इसके कारण उन पर जो बीतती है उसका बड़ा मार्मिक चित्रण दिखाया गया था। इसके अतिरिक्त टप्पू-सेना की शरारतें, सोसायटी का खेल महोत्सव, पत्रकार पोपटलाल की पार्टी आदि प्रसंगों का प्रदर्शन बहुत ही मनोरंजक था।
इस सिरियल में दिखाए जानेवाले सभी प्रसंग सुरुचिपूर्ण एवं शिष्ट होते हैं। विविध प्रसंगों में हास्यरस सहज ढंग से निष्पन्न होता है। सब प्रसंग बहुत ही मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद होते हैं। इसलिए ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ प्रोग्राम मुझे बहुत अच्छा लगता है।
(2) कक्षा में पढ़ाई कर रहे हों और धरतीकंप आ जाए तो आप क्या करेंगे?
उत्तर : कक्षा में पढ़ाई करते समय यदि धरतीकंप आ जाए तो मैं खड़ा होकर जोर से चिल्लाऊँ, “भागो, भागो, जल्दी बाहर निकल जाओ, धरतीकंप आया” और ऐसा चिल्लाते हुए साथियों के साथ मैं शालाभवन से बाहर आ जाऊँगा।
स्वाध्याय
प्रश्न 1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
(1) ऋषियों ने बालक का नाम ‘सर्वदमन’ क्यों रखा?
उत्तर : बालक वन के पशुओं के बच्चों के साथ निडर होकर खेलता था। उसके इसी साहसी और निर्भीक स्वभाव के कारण ऋषियों ने उसका नाम ‘सर्वदमन’ रखा था।
(2) दुष्यंत बालक के प्रति आकृष्ट क्यों हो रहे थे?
उत्तर : बालक स्वस्थ, सुंदर, निर्भीक तथा हठीला था। उसकी इन्हीं विशेषताओं पर मुग्ध होकर दुष्यंत उसके प्रति आकृष्ट हो रहे थे।
(3) दुष्यंत ने पुरुवंशीय जीवन की कौन-सी दो रीतियाँ बताई?
उत्तर : दुष्यंत ने पुरुवंशीय जीवन की ये दो रीतियाँ बताईं : (1) वे युवावस्था में महलों में रहकर पृथ्वी की रक्षा और पालन करते हैं। (2) वृद्धावस्था में वे तपस्वियों के आश्रम में वृक्षों के नीचे कुटी बनाकर रहते हैं।
प्रश्न 2. चित्रों का अवलोकन करके अपने शब्दों में कहानी लिखिए :
उत्तर :
लकड़हारा और देवदूत
एक लकड़हारा था। वह रोज जंगल में जाता, लकड़ियाँ काटता और उन्हें बाजार में बेच देता था। इन पैसों से ही उसके परिवार का गुजारा होता था।
एक दिन लकड़हारा एक पेड़ पर चढ़कर उसकी एक डाल काट रहा था। पेड़ नदी के किनारे था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से छूट गई और नीचे नदी में जा गिरी। लकड़हारा पेड़ से उतरा, पर उसे तैरना नहीं आता था। अतः उदास होकर वहीं बैठ गया।
संयोग से एक देवदूत वहाँ से गुजरा। उसकी दृष्टि लकड़हारे पर पड़ी। उसने लकड़हारे से उसकी उदासी का कारण पूछा। लकड़हारे ने उसे नदी में अपनी कुल्हाड़ी गिरने की बात बताई। देवदूत ने कहा, “तुम घबराओ मत । मैं नदी से तुम्हारी कुल्हाड़ी निकाल दूंगा।”
देवदूत ने पहले एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारे ने कहा, “नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।” तब देवदूत ने चाँदी की कुल्हाड़ी निकाली। लकड़हारे ने कहा, “यह भी मेरी कुल्हाड़ी नहीं है । ” अंत में देवदूत ने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली उसे देखकर लकड़हारा खुशी से चिल्ला उठा, “हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है । “
देवदूत लकड़हारे की ईमानदारी पर बहुत खुश हुआ। उसने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ियाँ भी लकड़हारे को इनाम के रूप में दे दीं ।
भाषा सज्जता
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में विशेषण पहचानकर उनके प्रकार लिखिए :
(1) सानिया बाजार से थोड़ी चीनी लाई ।
उत्तर : थोड़ी = परिमाणवाचक विशेषण
(2) कुछ लड़के उद्यान में खेल रहे हैं।
उत्तर : कुछ = अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(3) ओम चतुर लड़का है।
उत्तर : चतुर = गुणवाचक विशेषण
(4) श्याम बीस किलो आटा लाया।
उत्तर : बीस किलो – परिमाणवाचक विशेषण
(5) साहिल के पास दस रुपए हैं।
उत्तर : दस = संख्यावाचक विशेषण
प्रश्न 2. निम्नलिखित विशेषणों का तीन प्रकार से वाक्य में उपयोग कीजिए :
(1) सुंदर
उत्तर :
(अ) मल्लिका सुंदर लड़की है।
(ब) निधि मल्लिका से सुंदर लड़की है।
(क) निधि सबसे सुंदर लड़की है।
(2) बड़ा
उत्तर :
(अ) गीताभवन बड़ा मकान है।
(ब) गीताभवन रामभवन से बड़ा मकान है।
(क) गीताभवन मुहल्ले में सबसे बड़ा मकान है।
(3) मेहनती
उत्तर :
(अ) रोमील मेहनती लड़का है।
(ब) रोमील साहिल से मेहनती लड़का है।
(क) रोमील कक्षा में सबसे मेहनती लड़का है।
(4) चालाक
उत्तर :
(अ) रूपा चालाक लड़की है।
(ब) रूपा मोना से चालाक लड़की है।
(क) रूपा कक्षा में सबसे चालाक लड़की है ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का लिंग-परिवर्तन कीजिए :
(1) हिरन = हिरनी
(2) शिक्षक = शिक्षिका
(3) पंडित = पंडिताइन
Also Read :
Class 8 Hindi Sem 1 Chapter 7 Swadhyay