Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 1 Swadhyay
Class 8 Hindi Sem 2 Chapter 1 Swadhyay. ધોરણ 8 હિન્દી સેમ 2 એકમ 1 અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય. ધોરણ 8 હિન્દી અભ્યાસ અને સ્વાધ્યાય.
कक्षा : 8
विषय : हिन्दी
एकम : 1. पत्र एवं डायरी
सत्र : द्वितीय
अभ्यास
प्रश्न 1. निर्देशित विषय के बारे में पत्र लिखिए :
(1) आपने की हुई अपनी यात्रा या आपने किए हुए प्रवास का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
रमेश पुरोहित
4/आकाशगंगा
डेरी रोड, राजकोट।
27-12-2022
प्रिय मित्र हितेश,
जयहिंद।
तुम्हारा पत्र तीन दिन पहले आया था, लेकिन मैं कन्याकुमारी के प्रवास में था और कल ही लौटा हूँ।
कन्याकुमारी भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। यह तमिलनाडु राज्य में भारत के एकदम दक्षिणी सिरे पर स्थित है।
हम दादर-मद्रास एक्सप्रेस ट्रेन से चेन्नई पहुँचे। हम वहाँ के ‘मीनाक्षी’ हॉटल में ठहरे। वहाँ दिसंबर महीने से ही काफी ठंड पड़ने लगती है।
दूसरे दिन हम एस. टी. बस द्वारा कन्याकुमारी की ओर चल पड़े। सारा मार्ग नारियल के वृक्षों से भरा हुआ है। हरियाली देखकर मन झूम उठता है।
कन्याकुमारी एक छोटा-सा कस्बा है। हमने शाम के समय समुद्र-तट पर भारी भीड़ देखी। लोग वहाँ का सूर्यास्त देखने के लिए एकत्र हुए थे। सूर्य का वैसा भव्य रूप मैंने पहले कहीं नहीं देखा।
अगले दिन कन्याकुमारी का प्राचीन मंदिर और विवेकानंद शिलास्मारक देखा। विवेकानंद की सुंदर मूर्ति दर्शनीय है।
हमने कन्याकुमारी के बाजार से शंख और सीपों से बनी हुई कुछ वस्तुएँ और अलबम खरीदे। कुछ चित्र मैं तुम्हें भेज रहा हूँ। शेष कुशल है। अपने माता-पिता से मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
विनय।
(2) बीमारी के कारण अवकाश के लिए कक्षा-शिक्षक को पत्र लिखिए।
25, आशासदन,
महात्मा गाँधी मार्ग,
राजकोट।
28-11-2022
आदरणीय गुरुवर,
कक्षा 8
कल शाम मुझे जोर की ठंड लगकर बुखार आ गया। डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने बताया कि यह मलेरिया बुखार है और इसका कुछ दिन तक ठीक ढंग से उपचार करना होगा। स्वस्थ होने में कम-से-कम एक सप्ताह तो लग ही जाएगा।
अतएव आपसे प्रार्थना है कि मुझे एक सप्ताह का अवकाश प्रदान करें। इस बीच मेरी पढ़ाई का जो नुकसान होगा, मैं स्वस्थ होते ही उसकी पूर्ति कर लूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
महिपाल रांदेरिया।
कक्षा 8
(3) अपने स्कूल की किसी समस्या के बारे में प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।
श्रीमान प्रधानाचार्य
सरदार विद्यामंदिर,
नडियाद।
15-10-2022
विषय – विद्यालय के पुस्तकालय में विज्ञान और वैज्ञानिकों से संबंधी पुस्तकें न होना।
आदरणीय गुरुजी,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में साहित्य की पुस्तकों की भरमार है। एक-एक लेखक की कई-कई पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों में कविता, कहानी और उपन्यास आदि रचनाएँ हैं। परंतु विज्ञान से संबंधित पुस्तकें नहीं हैं। वैज्ञानिकों की जीवनी संबंधी पुस्तक तो एक भी नहीं है। ऐसी पुस्तकें पढ़ने से प्रेरणा मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुभव विज्ञान के प्रति रुचि जगाते हैं। पुस्तकालय में इनका अभाव बहुत खटकता है।
आशा है आप इस अभाव की पूर्ति पर ध्यान देंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुधीर कापडिया।
कक्षा 8
प्रश्न 2. सोचिए और लिखिए :
(1) अगर तुम्हें मोबाइल फोन पर अपने मित्र को एस. एम. एस. द्वारा बधाई संदेश भेजना है, तो क्या लिखोगे?
उत्तर : मेरे प्यारे रामू, आंतर विद्यालयीन वक्तृत्व स्पर्धा में प्रथम आने पर ढेर सारी बधाइयाँ। अपनी ओर से मैं टाइटन घड़ी भेज रहा हूँ।
अब तो पार्टी में ही मिलेंगे। अभिनंदन ।
तुम्हारा ही,
निखिल।
(2) तुमने इस बार छुट्टियों में क्या-क्या किया, यह अपने मित्र को कम्प्यूटर पर ई-मेल द्वारा बताना हो, तो क्या लिखोगे?
उत्तर :
प्रेमकुंज,
स्टेशन रोड,
अहमदाबाद।
20 नवम्बर, 2022
प्रिय अविनाश,
इस बार हमने छुट्टियाँ अहमदाबाद में ही बिताने का निर्णय किया था। इसलिए मुझे इस अवकाश का उचित ढंग से उपयोग करना था।
मैं नित्य प्रात:काल व्यायाम शाला जाता था। वहाँ तरह-तरह के व्यायाम के साथ-साथ योग का भी अभ्यास करता था।
दोपहर को भोजन के बाद कुछ समय दूरदर्शन देखता था। अपराहन में साइकिल पर बैठकर मैं कम्प्यूटर क्लास में जाता था। शाम को वहीं से हमारी दुकान पर जाता था और आठ बजे पिताजी के साथ घर लौटता था। रात को दूरदर्शन देखता था या बहन के साथ कैरम या चैस खेलता था।
इस तरह छुट्टी के दिन कब बीत गए, इसका पता ही न चला।
तुम्हारा मित्र,
सौरभ।
प्रश्न 3. दिए गए प्रशासकीय शब्दों के आधार पर वाक्य बनाइए :
(1) अधीक्षक
वाक्य : शर्माजी कई वर्षों तक रेडियो के समाचार विभाग के अधीक्षक रहे।
(2) प्रभारी
वाक्य : उसने सूचना-विभाग के प्रभारी का पद संभाला।
(3) आयकर
वाक्य : आयकर छिपाना अपराध है।
(4) प्रशासन
वाक्य : पूर्व सूचना मिलने पर भी प्रशासन ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई।
प्रश्न 4. डायरी के रूप में लिखिए :
(1) किसी एक पूरे दिन के अपने अनुभव का विवरण।
अहमदाबाद।
16 अक्तूबर, 2022
कल 16 अक्तूबर थी – नवरात्रि का पहला दिन। एक तरफ मन में उमंग और दूसरी तरफ चिंता थी। उमंग इस बात की थी कि डांडियारास देखने-खेलने को मिलेगा। वाद्यों की मधुर धुनें कानों में रस घोलेंगी। चिंता इस बात की थी कि कुछ ही दिनों में प्रथम सत्र की परीक्षाएँ होनेवाली थीं। पहला प्रश्नपत्र अंग्रेजी का था। पता नहीं, इस विषय के प्रति मुझे क्यों अरुचि थी। थोड़ी तैयारी की थी, पर बहुत काम बाकी था। चिंता न कर क्या सब कुछ अंबा मैया पर छोड़कर निश्चिंत हो गया?
(2) वार्षिकोत्सव में सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार मिलने का आपका अनुभव।
मुंबई।
12 जनवरी, 2022
हमारे विद्यालय का इस वर्ष का वार्षिकोत्सव मेरे लिए एक सुनहरी यादगार घटना बन गया है। उत्सव में वक्तृत्व स्पर्धा का भी आयोजन था। विषय था ‘विज्ञान – शाप या वरदान?’
स्पर्धा का अंतिम वक्ता मैं था, लेकिन मुझे प्रथम पुरस्कार मिला। मित्र हैरान थे कि यह बहुत कम बोलनेवाला आज इतना धड़ाधड़ कैसे बोल रहा है। सचमुच, उस समय मेरी वाणी पर सरस्वती विराजमान हो गई थीं। शाम को पिताजी घर लौटे तो बहुत खुश थे। उन्होंने अदालत में प्रतिवादी के वकील को अपनी दलीलों से परास्त कर दिया था। सचमुच, आज का दिन तो हमारे लिए सरस्वती का दिन ही था।
(3) अपने जीवन का कोई सुखद अनुभव।
सुरत।
17 नवंबर, 2022
आज का दिन तो सचमुच अविस्मरणीय रहा। दीवाली के मेले में जाने के लिए माँ ने बीस रुपए दिए थे। अब इस छोटी-सी रकम में क्या मेले का आनंद लिया जा सकता है? इसमें पाँच रुपए तो बस के किराये के लिए ही थे। मैं मेले में जाने के लिए निकल ही रहा था कि मेरे मामाजी आ गए। वे बोले, “मेला देखे तो मुझे भी बरसों हो गए। चलो, मैं भी आज मेले का आनंद ले लूँ।”
मैं मामाजी की बाइक पर सवार हुआ और फट-फट करती हुई उनकी बाइक सड़क पर हवा से बातें करने लगी। मेले में हमने खूब आनंद लिया। समोसे खाए, लस्सी पी, गुलाबजामुन का स्वाद लिया। फोटो खिंचवाए, निशानेबाजी में इनाम जीता और चरखी पर बैठे। हाथी की सवारी का भी आनंद लिया। इतना सब आनंद लेने के बावजूद मेरे बीस रुपये जैसे के तैसे जेब में पड़े रहे। मेले में घूमने का वह सुखद अनुभव शायद ही कभी भूल पाऊँ। इसका श्रेय मामाजी को है।
स्वाध्याय
प्रश्न 1. नीचे दिए गए डायरी के अंश का अपनी मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
आज दिनांक 10 अगस्त, 2011 रात को नींद नहीं आ रही थी। खुशी का ठिकाना न था। कब सुबह हो जाए इसका इंतजार था। स्कूल से सैर जाने के आनंद में कल्पना करते-करते मुझे नींद आ गई। बड़े सबेरे 4:00 बजे अलार्म बजा और मम्मी की आवाज़ आई, “राकेश उठो, चार बज गए।” मैं आनंद तथा उत्साह से उठा। मन में डर भी था कि मास्टरजी डाँटे नहीं। स्नानादि संपन्न करके स्कूल पहुँचा। सब साथी आ पहुँचे थे। मास्टरजी ने सबको बस में बैठाया और हम सैर के लिए निकल पड़े।
उत्तर : આજ તારીખ 10 ઑગસ્ટ, 2011. રાત્રે ઊંઘ આવતી નહોતી. આનંદનો પાર નહોતો. ક્યારે સવાર પડે તેની રાહ જોતો હતો. સ્કૂલમાંથી પર્યટનમાં જવાના આનંદની કલ્પના કરતાં-કરતાં મને ઊંઘ આવી ગઈ. વહેલી સવારે 4:00 વાગ્યે ઍલાર્મ વાગ્યું અને મમ્મીનો અવાજ સંભળાયો, “રાકેશ ઊઠ, ચાર વાગી ગયા.” હું આનંદ અને ઉત્સાહથી ઊઠ્યો. મનમાં ડર પણ હતો કે ગુરુજી ધમકાવે નહિ. સ્નાન વગેરે પતાવીને સ્કૂલે પહોંચ્યો. બધા સાથીઓ આવી પહોંચ્યા હતા. ગુરુજીએ સૌને બસમાં બેસાડ્યા અને અમે પર્યટન માટે નીકળી પડ્યા.
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